ज्वाला माता मँदिर

ःऊं ः ध्यान योग साधना में तीर्थ स्थल की यात्रा भी सहायक होती है। आप जव ध्यान में स्थित होते हैं यही तीर्थ आप की ताकत सी वन जाती है। आप नित्य ही उन क्षणों व स्थलों में चले जाते हैं जहां की यात्रा ने आपको रोमांचित किया हो।
ज्वाला मुखी शक्ति पीठ हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में स्थित अति रहस्यमयी तीर्थ स्थल है। ना जाने कव से स्वयं ही प्रकट ज्वाला भक्तों को रोमांचित सी कर देती है।
मुख्य केंद्रित ज्वाला के साथ और अन्य स्थानों पर भी  स्वयं ही प्रकट लौ अचंभित सा कर देती है।यही चमत्कार हजारों वर्षों से साधकों को सवल प्रदान कर रहा है। भक्ति की शक्ति का प्रशाद दे रहा है। आस्था श्रद्धा विस्वास को आम जन में प्रतिष्ठित करता है। सारा क्षेत्र ही रहस्यमयी सा है। गुरु गोरखनाथ जी के मंदिर में लौ पानी से जव प्रकट होती है शरीर मन दिल दिमाग सव रोमांचित हो जाता है।
जव 1905 में भुकंप से सारा श्रेत्र तवाह हुआ यहां स्थित मंदिर मात्र टेढ़ा हुआ जो आज भी उसी अवस्था में स्थित व स्थिर है ।कुछ तो वात है इस शक्ति पीठ में जो भक्तों साधकों संतो को यहां खींच लाती है। केवल श्रद्धा का ही तो चमत्कार आम जन को शांति प्रदान करता है। मनोकामना पूर्ण  भक्त शांत सा हो वार वार यहां आने की
इच्छा रखता है।
आप जव ध्यान योग साधना में स्थित व स्थिर होते हैं यही तीर्थ लौ वन आपकी दिव्य दृष्टी को जाग्रत करने में सहायक होते हैं। ध्यान में आप यहीं तो चले जाते हैं और आनंदित होते हैं। यही आंतरिक शक्ति जो परम पवित्र कुंडलिनी की खुराक है। आज्ञा चक्र को सवल जागरण में भी सहायक है। समाधी की ओर जाने का मार्ग है। वस श्रद्धा आस्था विस्वास समर्पण का होना आवश्यक है।
पिंड वराहमंड में शक्ति उर्जा चेतना ही तो जीवन आधार है। ऊं ःऊं ःऊ ः

Comments

Popular posts from this blog

नासिका के स्वर विज्ञान का महत्व

भारत का प्राचीन खगोल विज्ञान

भारत का प्राचीन औद्योगिक विकास